कैसे कोई इतनी हिम्मत कर जाता है.. शायद उसे पता है की उमूमन तो पता ही नहीं चलेगा.. और पता चल भी गया तो सालों लग जायेगें फैसला लेने में... कितने भारत है एक भारत में... ये दिल्ली का हाल है.. जहां कम से कम पता तो चला... पुरे देश का क्या हाल होगा?
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युगान्तर