दैनिक भास्कर की ये खबर..
छोटी सी बात के लिए एक बच्चे ने दूसरे का गला दबा दिया.. शुक्र है कोई हादसा नहीं हुआ और बच्चा ठीक है..
कहाँ से सिखते है बच्चे ये हिंसा?
परिवार में, समाज में या मीडिया में?
और भी जरुरी है गला दबाने वाले बच्चे को भी प्यार से समझाया जाए.. पर इतनी समझ है हम में?
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आदि का ब्लॉग
युगान्तर
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आदि का ब्लॉग
युगान्तर
सभी ज़िम्मेदार हैं.
ReplyDeleteसमाज में सद्भावना की कमी और अपना पराया का प्रचार प्रसार इस अवस्था के लिए जिम्मेवार है ...
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