Tuesday, July 20, 2010

'मेरी बेटी से प्यार करते हो तो मर के दिखाओ'

कल नवभारत टाइम्स में ये खबर छपी...


'मेरी बेटी से प्यार करते हो तो मर के दिखाओ' 


किशोरों (teenagers) को समझने के लिए विशेष धेर्य और योग्यता की जरुरत है..  उनकी भावनाओं को ठेस पहुचाने का नतीजा कितना घातक होता है, ये समाचार पढ़ पता चलता है...

क्या हम उनके साथ बैठ बात नहीं कर सकते?
क्या उन्हें समझाना इतना मुश्किल है?
विपरीत लिगं से आकर्षण एक स्वाभिक प्रक्रिया है...  और ये होता रहेगा.. हमें धेर्य से इसे समझने और समझाने की जरुरत है बस...

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आदि का ब्लॉग
युगान्तर

1 comment:

  1. आप का कहना बिलकुल सही है.

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